कोरोना महामारी
कोरोना महामारी
जलते दीपक के प्रकाश में ,
पद वृष्टो को राह दिखाएं।
आओ मिलकर दीप जलाएं,
कोरोना से हम मुक्ति पाएं।
आहुति बाकी यज्ञ अधूरा,
संकट में डाला है डेरा।
इस संकट से मुक्ति पाएं,
आओ मिलकर दीप जलाएं,
कोरोना से हम मुक्ति पाएं।
ज्योति भी तो एक प्रतीक है ,
मानव की अभिलाषा का।
कर देती मानो विनाश यह ,
तम का और निराशा का।
ऐसे वंचित लोगों को भी,
सत्य मार्ग की राह दिखाएं।
आओ मिलकर दीप जलाएं ,
कोरोना से हम मुक्ति पाएं।
यदि नागरिक सच्चा हो,
तो घर में ही रह जाएगा।
लेकिन तय है देशद्रोही,
हर हाल में बाहर आएगा।
लेकिन ऐसे लोगों को भी,
एक अच्छा परिणाम बताएं।
आओ मिलकर दीप जलाएं ,
कोरोना से हम मुक्ति पाए।
डॉक्टर नर्स रक्षक है,
इनका तुम सम्मान करो।
थूको ना पत्थर मारो तुम,
मानवता का ध्यान करो।
लेकिन संग में देशद्रोहियो को ,
एक प्रबल सा दंड सुनाएं।
आओ मिलकर दीप जलाएं,
कोरोना से हम मुक्ति पाएं।
