तेरी कलम की स्याही बन। तेरे खयालों को उकेरती हूं । तेरी कलम की स्याही बन। तेरे खयालों को उकेरती हूं ।
मेरा आज फिर मेरे कल से मिलने चला है! फिर से यादों का एक कारवाँ सा बनता जा रहा है! क्या खोकर क्या पाय... मेरा आज फिर मेरे कल से मिलने चला है! फिर से यादों का एक कारवाँ सा बनता जा रहा है...