कागज़ के किरदार
कागज़ के किरदार

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कुछ किरदार मेरी ज़िन्दगी के
कागज़ का हिस्सा हैं,
कोई कहानी हैं तो कोई किस्सा हैं।
कुछ किरदार हैं जिन्हें
कागज़ से बाहर आने की फुरसत नहीं
ये सब हैं तो पर हकीकत नहीं।
कुछ किरदार मेरे जीवन में हैं
जो बसते मेरे मन में हैं
जो मेरी ज़िन्दगी के सातों रंग हैं
पर अफ़सोस नहीं मेरे संग हैं।
कुछ किरदार ऐसे भी हैं
जो दो ज़िन्दगी जीते हैं
उनसे ना मिले ना जाने
कितने साल बीते हैं।
वे किरदार मेरे ख्यालों में भी हैं
वे किरदार मेरे सवालों में भी हैं ।
कुछ किरदार ऐसे भी हैं
जिनका बिछड़ना ज़रूरी था
अब बन गए है मेरी ताकत,
वे जो कभी कमज़ोरी थे
उन किरदारों ने वाकिफ कराया
मुझे गम की राहों से
और तब भर लिया उस
कागज़ ने मुझे अपनी बाहों में।