जो कभी था...
जो कभी था...
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जो कभी था तब हमारे दरमियाँ,
आज वो गुज़रा हुआ इतिहास है,
गुज़रा वो वक्त जब हम साथ थे,
हो गये मानो सभी आभास है,
इतराते थे कभी हम शर्म से,
आज दिल को वो हया की आस है,
निकले दिल से अभी रूह हो गए,
है ज़मीं नीचे ऊपर आकाश है,
आज भी गम-ए-जुदाई मुझको,
चेहरे पे यूँही सुकुन लिबास है।