जिंदगी अब तो मुस्कुराओ
जिंदगी अब तो मुस्कुराओ
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जिंदगी अब जरा सा
तुम तो मुस्कुराओ।।
सध-सध के चल रही हो
थोड़ा बहक भी जाओ,
देखा नहीं है मैंने
अभी तक तेरी हंसी को,
परवाह न किसी की
तुम खुल के खिलखिलाओ।
जिंदगी अब जरा सा
तुम तो मुस्कुराओ।।
कहते हैं सब हंसी हो,
दिखती बड़ी हो सुन्दर,,
जैसे सफेद अश्मों से
निर्मित कोई हो मूरत,
चेहरा हो क्यों छुपाती,
घूंघट तो अब हटाओ,,
जिंदगी अब जरा सा
तुम तो मुस्कुराओ।।
हम भी तो कद्रदां हैं,
तेरी हर शोखियों के ,
तेरी हर एक अदा के
परितोष के,सजा के,
क्यों हो उदास तुम यूँ
अब जरा हमें बताओ,,
जिंदगी अब जरा सा
तुम तो मुस्कुराओ।।
आधी तो कट चुकी हो,
बाकी बची है आधी,
आओ क्यों न बन जायें,
एक दूसरे के साथी,
रोती ही रहोगी या
अब मुझे हसाओ,,
जिंदगी अब जरा सा
तुम तो मुस्कुराओ।।
