इंसानियत धर्म है मेरा
इंसानियत धर्म है मेरा
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मैं काला गरीब और वंचित हूं
मैं भी पंच-तत्वों से संचित हूं
महसूस मुझे भी तुम सा होता है
मैं भी मानव रंग से रंजित हूं
हिंदू हक और इस्लाम इश्क है मेरा
दलित दम और स्वर्ण स्वाभिमान है मेरा
ढालो न मुझे अनगिनत असहज सांचों में
मानवता मर्म और इंसानियत धर्म है मेरा