हर कवी की कहानी
हर कवी की कहानी
कुछ अनकही बातों की पुरानी निशानी होती है
बस हर कवि की एसी एक कहानी होती है।
शब्दों के जाल बुनते है हम
उन्हीं जालों में हर रोज फँसते जाते है ,
कुछ सुन के कुछ सुना के
बस अपनी दुनिया में अपने पन्नों से रिश्ता निभाते है।
किस्सा नया हो या अधूरा
पुराना हो या पूरा
किरदार चाहे अच्छा हो या बुरा ,
हमारी कलम उसे जरूर अपनाती है
हर कागज पर एक नया सिलसिला बनाती है।
हम बातें करते है जज़बातों को भरते है
फिर वो जजबात चाहे हमारे हो या किसी और के,
हाथों की लिखावट दिल तक पहुँचती है
फिर हो नफरत के या प्यार के।
किसी की जिंदगी दर्शाते है कभी इज्जत फरमाते है
न जाने उस किरदार को बनाने वाला क्यूँ छुपा रहता है,
वाह वाह हुई तो तालियाँ पर पसंद ना आयी
तो सबसे ज्यादा नफरत सहता है।
हमारी कविता का भावार्थ हमारे जीवन का अर्थ होता है
कभी सुनाए तो ध्यान से सुनिएगा,
कभी किसी को मौका मिले
तो हमारी कहानी पर भी गौर फरमाइएगा।
उसकी पहचान उसकी कविता की जुबानी होती है ,
बस यही हर कवि की कहानी होती है| -
