होली
होली
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रंग और गुल्लाल का
हर्ष और उल्लास का
बच्चों की पिचकारियों से
पानी के गुब्बारों तक
ये सिलसिला है हर साल का
ये त्योहार है गुजिया की मिठास का
होलिका के दहन से
विष्णू के अवतार का
पाप से पुण्य तक
शर्द ऋतु से बहार तक
ये त्योहार है एक नये से प्रकाश का
पाप के संहार पर जीत के आगाज़ का
बुराइयों से लड़कर अच्छाई के वास का
अपने पराये सबके गले लगकर
ये त्योहार है प्यार मोहब्बत विश्वास का
रंग बरसे फूल बरसे
आओ होली मिलके गले लगें
खुशियां बाटें खुशहाल रहें
ये त्योहार है सदियों से चल रही
परम्परा और प्यार का।
