होली : एक प्रेमी की नज़र से
होली : एक प्रेमी की नज़र से
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रंगों में रंग जब कभी मिलते हैं,
चेहरे फूलों की तरह खिलते हैं।
जान पहचान की ज़रूरत नही,
होली में दिल से दिल मिलते हैं।
होली में काश कि दोनों मिल जाए,
कितने अरमान दिल में पलते हैं।
ऐसे में जो लोग नही खेलते होली,
बाद में हाथों को अपने मलते हैं।
जाने अनजाने में वो मुझको रंग दे,
आज़ाद उसकी गली में चलते हैं।
