हमराही
हमराही
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थे कोरे कभी पन्ने सभी, तूने रंगो से भर दिए,
मैंने भी अपने सारे गम, नाम तेरे कर दिए।
तेरी खुशी मेरी खुशी, यहीं मेरा फ़साना है,
तू चल में तेरे पीछे हूं, सफर हमे सजाना है।
बितानी हर रात है, तेरी हसीन बाहों में,
गुजारनी है जिंदगी, बस तेरी पनाहों में।
देखे है ख़्वाब तूने जो, अपनी बंद आंखो में,
मिलकर करेंगे पूरे वो, चलकर साथ राहों में।
जीतनी हर जंग है, न किसी से डरना है,
खा लेंगे ठोकर भी, हाथ थामे चलना है।
चलो मेरी कलम तुम, शब्द को श्रृंगार दो,
समाधि की छांव में, जिंदगी संवार दो।
