है शान निराली इस देश की
है शान निराली इस देश की
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है शान निराली इस देश की,
पहचान निराली इस देश की।
भारत माँ की रक्षा करता,
हिमालय इसका दुर्ग है।
है भारत माँ का मस्तक,
कश्मीर इसका स्वर्ग है।
गंगा-जमुना सी नदियाँ यहाँ,
कल-कल करती रहती है।
तन-मन को पावन करती,
धरती को अमृत देती हैं।
त्यौहारों के इस देश में,
रंग-रंग के नज़ारें हैं।
कभी दीवाली, कभी ईद,
कभी होली में रंगों की बहार हैं।
पतित पावनी है धरा यहाँ की,
महापुरुषों ने यहां जन्म लिया।
सावित्री और सीता जैसी,
नारियों ने यहाँ पुरुषार्थ किया।
हर भारतवासी का यहाँ,
एक सपना है।
बने सुदृढ़ और सफल देश,
ये संकल्प अपना है।
है शान निराली इस देश की,
पहचान निराली इस देश की।
