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Neha Prasad

Others

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Neha Prasad

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गज़ल

गज़ल

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अक्सर लोग मकानों की बात करते हैं

हमने तो मुहब्बत को नीलाम होते देखा है


ज़माने में इंसानियत की बात होती है

हमने तो इंसानों को इमान बेचते देखा है


नाश्ते में दूध नहीं था तो नाराज़ हो गया,

अरे हमने तो सूखी रोटी के लिए बच्चे को तरसते देखा है


आज मुल्कों की बात होती है

हमने तो लोगों को मज़हब सिखाते देखा है


कल कह रहा था कोई,दिल माँ का बहुत कोमल होता है

अरे जनाब,हमने तो बेटी की सादी में बाप को भी रोते देखा है।



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