गीली करने वाली बारिश
गीली करने वाली बारिश
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बारिश गिरती टप-टप-टप,
मैं खेलती छापा-छप-छपl
सारी सड़कें गीली है,
‘आओ माँ’ बोलती मैंl
ऐसा लगता बाढ़ आएगी,
सुंदर खुशबु लाएगीl
सब छतरी लेकर चलते,
मेरे दोस्त मुझसे मिलतेl
मुझे इंद्रधनुष दिखता,
कवि कविता बारिश पर लिखताl
मैं वह कवि हूँ,
मुझे यह कविता लिखने मैं मज़ा आयाl
