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Vinay Kumar

Others

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Vinay Kumar

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ग़र मोहब्बत...

ग़र मोहब्बत...

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ग़र मोहब्बत सिर्फ दर्द भरे नैना,

तेरी मेरी ज़िंदगी न होती

तुझे बेगानों सी मुझे दीवानों सी

ग़र मोहब्बत न होती

तय है लिखा क़िस्मत लेकिन

ख़बर न तुझे है न मुझे कुछ

यूँ भी बेक़रारी न होती

जुदाई जो तेरी मेरी आदत न होती

न ठिठुरती बाहें न लब कंपकपाते

बिन सर्द मौसम कभी

महसूस सिहरन न होती

जो तेरी आमद

मेरी रूखसती न होती

ग़र मोहब्बत नहीं होती


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