एक दिन लिखा था मैंनेअपना नाम,
एक दिन लिखा था मैंनेअपना नाम,
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एक दिन लिखा था मैंने
अपना नाम,
तुम्हारे नाम के साथ
देखते बनती थी,
चमक अक्षरों की
एक चिट्ठी भी लिखी थी
तुम्हारे नाम
आज तक जिसे
डाक में डाल न पाया
अचानक देखता हूं
चिट्ठियों में जान आ गई है
उड़ने लगी हैं
तुम्हारा पता पूछ रही हैं
जाने किस-किस से...
