एक आस
एक आस
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जिंदगी बहुत हसीन है जीये जा रही थी मैं
अपने गम को पीये जा रही थी मैं..
क्या वजूद है मेरा, कौन हूँ मैं
इस कशमकश में घुटे जा रही थी मैं..
वो अल्हड़ सी लड़की, बेपरवाह सी
आज जिम्मेदारियों तले, दबे जा रही थी मैं..
हँसना, मुस्कुराना बीती बातें हो गई
आँखों से आँसू की बरसात किये जा रही थी मैं..
क्या है गलती मेरी, जो कुछ कह ना पाई
सबकी आँखों में सवाल बने जा रही थी मैं..