दर्द
दर्द
जन्म से लेकर मरण तक का साथी है दर्द।
कभी मुस्कान, कभी आँसू, कभी कर्म और कभी शर्म है दर्द।।
किसी का हथियार तो किसी की दीवार है दर्द।
ख़ामोशी में दबी चीख की आवाज़ है दर्द।।
लाचारी और बेबसी पे उठते हाथों का प्रकोप है दर्द।
मजबूरी के सामने झुकना सिखा दे, वो है दर्द।।
परिस्थिति से मुकम्मल करा दे, वो है दर्द।
टूटे हुए को समेटना सिखा दे, वो है दर्द।।
गिरे हुए को हाथ का सहारा दे दे, वो है दर्द।
धोखे और खोखले इरादे से जो पनपे, वो है दर्द।।
उम्मीदों को झूठे वादे देने से जो गहराए, वो है दर्द ।
ख्वाबों को छूने से वंचित हो जाने पर जो जन्मे, वो है दर्द।।
उम्मीदों के तले जो बचपन कुचला जाए वो है दर्द ।
बच्चों की किलकारी जब चीखों में बदल जाए वो है दर्द।।
नानी के घर से लौट के आने पे होता है दर्द ।
बहन का पराया हो जाना है दर्द।।
पेट की जगह सड़को पे गिरे रोटी के टुकड़े जब दिख जाए, वो है दर्द
इंसान की ख़ुशी जब पैसे से तुल जाए, तब होता है दर्द।।
बिना बोले जब कोई सगा ना समझ पाए, तब होता है दर्द।
किसी अपने को भावना समझनी पड़े, तब होता है दर्द।।
अपने से पराए होने का सफर होता है दर्द।
ज़हन में डूबे ख्याल जब जुबां तक ना आ पाए तब होता है दर्द।।
झिझक से मारे जब मन में दफ़न होने लगे भाव तब होता है दर्द।
इच्छा के विरुद्ध जब जाना पड़े तब होता है दर्द।।
कहानियों से ज्यादा किस्से जब हो जाए जीवन में तब होता है दर्द।
सपने पूरे करने के इरादे से ज्यादा शान्ति की मांग
जब मज़बूत हो जाए तब बढ़ रहा है दर्द।
शब्द जब आँसुओं में होने लग जाए तब्दील तब होता है दर्द।
जब खुद तक सीमित रहने की आदत बन जाए तब बढ़ रहा है दर्द।।
जब अच्छा होने का सोचना नज़र लगाने जैसा बन जाए तब बढ़ रहा है दर्द
जब कहने की आज़ादी खौफ के साये में पले तब बढ़ रहा है दर्द।
खुद के कर्म से ज़्यादा अन्धविश्वास पे विश्वास का नाम है दर्द।
साँस लेने को जीना समझ लेने के आश्वासन का नाम है दर्द ।।
जीवन को भगवान भरोसे छोड़ देने की हार का नाम है दर्द।
रिश्तों में मिठास से ज़्यादा जब नक़ल घुल जाए वो है दर्द।।
यादों की याद से ज़्यादा जब पैसे का मोह सताए तब होता है दर्द।
किसी को चाहने के बाद उसी से मुँह मोड़ लेने पे होता है दर्द।।
बहुत हुआ,अब बस, ये कहने की ललकार के आगे जो सर झुकाए, वो है दर्द ।
ज़िन्दगी की शुरुआत ना सही पर उसे अंजाम तक पहुंचाने की चाह के सामने जो हारे, वो है दर्द ।।
सीने में दबे ख़्वाबों को पूरे करने की लगन के सामने जो टूटे, वो है दर्द।
सहमे हुए चेहरे से चमकती उमंग और विश्वास की किरण से जो मुँह छिपाए, वो है दर्द।।
बाज़ू खोले सूनेपन की ज़ंजीरों से जो टूट के बिखरे, वो है दर्द
मुस्कराहट के सामने जो आँसू बहाये वो है दर्द।।
शब्दों से बयां कर पाने के सुख से जो जले, वो है दर्द।
जीवन की प्रेरणा और मकसद जब एक हो जाए, तब नहीं रहेगा कोई दर्द ।।
