STORYMIRROR

atul singh

Others

2  

atul singh

Others

दिल से नमस्कार

दिल से नमस्कार

1 min
152

रिश्तों की कहकशां सरे बाजार बेचकर

घर को बचा लिया करो दीवार बेचकर

शोहरत की भूख हमको कहाँ लेकर आ गयी

हम मोहतरम भी हुए तो किराएदार बेचकर  

दिलवालों वो शख्स बाप भी तो है

सुर्मा है रोटी ख़रीद लाया तलवार बेचकर  

कह रहा हूँ की जिंदगी में मोहब्बत ही

सब कुछ नहीं होती मोहब्बत में

कामयाब होना मोहब्बत नहीं  


Rate this content
Log in