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Binod Murmu

Others

2  

Binod Murmu

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बसंत ऋतु राज

बसंत ऋतु राज

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१,,,

वसंत ऋतु राज है

पर्यावरण में अच्छा साज है

हां हां राज है, राजा है

वसंत! तू राजा है 

ऋतुओं का राजा है

तू सबका का राजा है 

तू शासन करता है तो

सबको प्यार से भरता है

तू! राजा वसंत जो आया है।


सब चाहते हैं 

तेरा शासनकाल हो

सभी खुश रहते

आपके शासनकाल में 

सब प्रजा खुश खुश

आपके पद में आने से

तू! राजा वसंत जो आया है।


सब प्रजा बहुत खुश

पर्यावरण में बदलाव लाने से

खेत है हरा-भरा

बाग में उपवन खिला

सरसों का खेत है पीला

तू! राजा वसंत जो आया है।


मन का मुखड़ा 

खुशी से खिल उठा है 

मन का उपवन भी

खुशी से झूम उठा है

तू! राजा वसंत जो आया।


२,,,

शहर है तो

शहर में बसता है,

पर्यावरण से कम नाता है 

गांव घर का नाता

पर्यावरण से ही जुड़ता है,

पर्यावरण का अभाव है

प्राय: शहरों में

पेड़ पौधे कमी है ,

प्राय: शहरों में

प्रदूषण ज्यादा है 

गांव के तुलना में

आबादी ज्यादा है,

भीड़ ज्यादा है

पता नहीं चलता 

कब आता है वसंत

कब जाता है वसंत

शहर में वसंत आता है

सामाचार पत्रों में

शहर में वसंत आता है

सोशल मीडिया में

शहर में वसंत आता है

चलचित्रों में देखने से 

शहर में वसंत आता है

रेडियो में सुनने से

शहर में वसंत आता है

लोगों के बातचीत सुनने से

शहर में वसंत आता है

कलेंडर देखने से

शहरों में वसंत आता है।

शहरी निवासी वंचित रह जाते हैं 

समझ नहीं पाते हैं

प्राकृतिक दृश्य से भी

वंचित रह जाते हैं, 

ऋतु वसंत की सुन्दरता को

असलियत से देख ना पाते हैं 

अपने नग्न आंखों से 

घर के आंगन से

नजारा निहार ना पाते हैं।


३,,,

धरती की चादर

ना अधिक गर्म है 

ना अधिक ठंडी है,

पेड़ों की नई नई 

पत्तियां निकल आयी है,

पेड़ों से नई नई

कोंपलें निकल आयी हैं

आम के मंजरियों में

भौंरे गुनगुनाते हैं

अन्य पेड़ों में भी

तरहदार बदलाव आते हैं

पलाश के पेड़ों पर तो

लालीपन छा जाती है

प्रतित ऐसा होता है

पेड़ों पर फूल नहीं

पेड़ों पर आग का गोला है,

धरती सज जाती है

हरियाली चादर ओढ़ के,

अपनी सुन्दरता चहूं दिशी

बिखेरने लगती है,

उनकी सुन्दरता देख कर

तन मन उल्लास से भरता,

खुदा हमें खुश रखने को

न जाने क्या-क्या रचा है,

खुदा हमें खुश रखने को

आंखों के सामने सब रखा है।


४,,,

गांव में वसंत अनोखा है 

पर्यावरण जो छाया है,

क्या खुशियां लाया है 

गांव में वसंत आया है, 

हे वसंत तू जब से आया है

खुशियां लाया जो लाया है 

तू दिल भर लाया है

किसान के चेहरे खिले 

बूढ़ा बूढ़ी अब राहत पाए हैं।

जाड़ा ऋतु को विदाई देकर 

गर्मी ऋतु के स्वागत में है 

वसंत ऋतु तू है 

दोनों के बीच में

दोनों का मध्यस्थ बनकर 

दोनों को जोड़ता है 

प्राकृतिक जोड़ता है

हमें प्राकृतिक से जोड़ता है

हमें अपनों से जोड़ता है 

अपनी खुशियां सब पर बांटता है।

गांव में खुशियां आयी है

खेतों में हरियाली छाई है

चना मटर के खेत में

गोभी टमाटर के खेत में

सरसों का खेत में 

खुशहाली आयी है,

हरियाली छाई है

मचलती है हवा से 

हिलती झोंका से

खिले फूल को देखो 

मन में सुकून मिलता है,

पीले सरसों के खेत को देखो 

सबका चेहरा खिलता है,

पेड़ों में पक्षियों को देखो

पेड़ों में कोयल को देखो 

पक्षियों की चाहचाहट सुनो

कोयल की कूक सुनो

पसंद है सबको पसंद है 

सबको पसंद है यह ऋतु है 

गांव में वसंत है।


५,,,


डिजिटल की दुनिया में 

वसंत ऋतु स्कीन में

वसंत का कोई फर्क नहीं

वसंत का माहौल बना रहता

डीजीटल पर्यावरण में छाई है 

सबको सुख देने सबका दुख हरने

नदी नाले तालाब झरने

बाग बगीचा ताल तलैया

रिचार्ज करो डाउनलोड करो

देख कर अपना मन भरो

डिजिटल वसंत

खेतों में सुखाड़ है धरती पर

डिजिटल में बाढ़ है

डिजिटल वसंत से

सब लगाव रखते हैं 

डिजिटल वसंत को

अब सब सच मानते हैं

डिजिटल वसंत से ही

अपना नाता रखते हैं 

डिजिटल वसंत में 

रोजगार व्यवसाय का भी

अब तो प्रावधान है।

६,,,,

बारी सबकी आती है

तेरी बारी, मेरी बारी

अब बारी आई है

प्यारी वसंत आई है

प्यारी वसंत, न्यारी वसंत 

बारी अब इसकी आई है, 

वसंत के बारी में 

नई-नई फूल खिले

वसंत के बारी में

पेड़ पौधों में वसंत छा गया है 

मानव जीवन में 

वसंती रंग छा गया है 

होली रंगों का मिश्रण है

फल फूलों में भी वसंत आया है

क्योंकि रंग बिरंगे फूल आये हैं

भीनी भीनी खुशबू बिखरी है

लोग चादर स्वेटर त्याग रहे हैं।



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