STORYMIRROR

Mahavir Uttranchali

Others

2  

Mahavir Uttranchali

Others

बीती बातें याद न कर

बीती बातें याद न कर

1 min
206

बीती बातें याद न कर

जी में चुभता है नश्तर


हासिल कब तक़रार यहाँ

टूट गए कितने ही घर


चाँद-सितारे साथी थे

नींद न आई एक पहर


तनहा हूँ मैं बरसों से

मुझ पर भी तो डाल नज़र


पीर न अपनी व्यक्त करो

यह उपकार करो मुझ पर


Rate this content
Log in