भारत एक आशा!
भारत एक आशा!
हे मेरे देशवासियों, मैं हूं भारत!
मेरी आजादी के लिए मेरे क्रांतिकारी सपूतों ने बहाया है अपना रक्त,
मैं कहलाता था सोने की चिड़िया लेकिन,मुगलों और अंग्रेजों ने मुझे लूट लिया
प्रेम, लगन और परिश्रम से वही स्थान वापिस हासिल किया।
विभिन्न संस्कृति और परंपरा से भरा पूरा मेरा परिवार,
हर धर्म के लिए खुला है मेरा द्वार,
साहित्य, कला और विज्ञान का यहां है भंडार,
मेरे सपूतों ने खेलकूद और अंतरिक्ष में मेरा नाम रोशन किया है विश्व में बार-बार।
सैनिक की तरह उत्तर दिशा में खड़ा है हिमालय,
शत्रुओं के मन में पैदा कर देता है भय,
गंगा, ब्रह्मपुत्र, यमुना कावेरी और सतलुज मेरी यह नदियां,
बुझाती देशवासियों की प्यास और भर देती है एकता व प्यार की मिठास।
मेरी राष्ट्रीय भाषा है हिंदी और वंदे मातरम है राष्ट्रीय गीत,
राष्ट्र चिन्ह तुला है जो न्याय का है प्रतीक,
दिवाली, होली, मोहर्रम और क्रिसमस मनाए जाते हैं त्योहार,
संगीत और नृत्य की यहां है शैलियां अपार।
मेरी है अपने देशवासियों से एक आशा,
गरीबी बेरोजगारी और अशिक्षा से लड़कर,
विकास की तरफ कदम बढ़ाए जरा सा।