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Anand Vishvas

Others

1.5  

Anand Vishvas

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बेटी-युग की नई कहानी

बेटी-युग की नई कहानी

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नानी वाली कथा-कहानी, अब के जग में हुई पुरानी।

बेटी-युग के नए दौर की, आओ लिख लें  नई कहानी।

बेटी-युग    में    बेटा-बेटी,

सभी   पढ़ेंगे,  सभी  बढ़ेंगे।

फौलादी   ले   नेक  इरादे,

खुद अपना इतिहास गढ़ेंगे।

देश  पढ़ेगा, देश  बढ़ेगा, दौड़ेगी अब, तरुण जवानी।

बेटी-युग के नए दौर की, आओ लिख लें  नई कहानी।

बेटा  शिक्षित, आधी  शिक्षा,

बेटी   शिक्षित  पूरी  शिक्षा।

हमने सोचा, मनन करो तुम,

सोचो समझो  करो समीक्षा।

सारा जग शिक्षामय करना,हमने सोचा मन में ठानी।

बेटी-युग के नए दौर की, आओ लिख लें  नई कहानी।

अब कोई ना अनपढ़ होगा,

सबके  हाथों पुस्तक होगी।

ज्ञान-गंगा  की पावन धारा,

सबके आँगन तक पहुँचेगी।

पुस्तक और पैन की शक्ति,जगज़ाहिर जानी पहचानी।

बेटी-युग के नए दौर की, आओ लिख लें  नई कहानी।

बेटी-युग   सम्मान-पर्व  है,

ज्ञान-पर्व  है,  दान-पर्व है।

सब सबका सम्मान करे तो,

जीवन  का  उत्थान-पर्व है।

सोने की चिड़िया बोली है, बेटी-युग की हवा सुहानी।

बेटी-युग  के नए दौर की, आओ लिख लें  नई कहानी।

 


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