आजाद हूँ मैं
आजाद हूँ मैं
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आजाद हूँ मैं
ना कुछ पाने की इच्छा
ना कुछ खोने का डर
बेखौफ हूँ मैं
आजाद हूँ मैं।
ना कल की चिंता
ना बीते हुए कल की निराशा
आज मैं ही मदमस्त हूँ मैं
आजाद हूँ मैं।
ना किसी के साथ रहने की आरजू
ना किसी के बिछड़ने का गम
अपने आप में ही खुश हूँ मैं
आजाद हूँ मैं।
ना बंधन में समाज के रिती रिवाजों के
ना कैद में किसी झूठे मुखौटों के
बेफिक्र बिंदास दुनिया के साथ हूँ मैं
आजाद हूँ मैं।
ना कोई सीमाएं बांधे मुझे
ना कोई अंकुश रोके मुझे
लक्षमण रेखा के पार हूँ मैं
आजाद हूँ मैं।
पतझड़ मे हरयाली खोजता
तूफानों में हवा का रूख हूँ मोड़ता
अंधेरे में जलता चिराग हूँ मैं
आजाद हूँ मैं।
आँखो मे सपने संजोता
हर साँस मे अपनी जिंदगी जीता
सीने मे जलती कुछ कर गुजरने की आग हूँ मैं
आजाद हूँ मैं।
