चुराया मैंने समुन्दर से मुठ्ठीभर अपनापन आकाश से कुछ उदारता लिये मेरे कुटीर को उश्वास! चुराया मैंने समुन्दर से मुठ्ठीभर अपनापन आकाश से कुछ उदारता लिये मेरे कुटीर को...
आज गोपाष्टमी है, आज हम गौमाता की पूजा, सेवा करते हैं. आज गोपाष्टमी है, आज हम गौमाता की पूजा, सेवा करते हैं.