नारी हुँ कमज़ोर नही
नारी हुँ कमज़ोर नही
नारी हुँ कमज़ोर नही
आगे बढना जानती हुँ
गिर जाने पर फिर उठ कर खड़ा होना जानती हुँ
नारी हुँ कमज़ोर नही
आते है लोग
ताना मारते है
मुझे गिराना चाहते है
मजबूर हुँ गिरुगी नही
कितना भी जोर लगा लो
कमज़ोर नही
स्वाभिमानी हुँ आत्मनिर्भर हुँ
ऐसा कोई सकस नही जो मुझे झुका सके
नारी हुँ तो क्या
मैं कमज़ोर नही
चाहे दुनिया हो मेरे खिलाफ
लडूंगी मरूंगी
कुछ करके दिखाऊंगी
नारी हुँ तो क्या नाम करके जाऊंगी
पुरुष की इस दुनिया मे
उनके साथ डट कर खड़े होके दिखाऊंगी
कुछ करके दिखाऊंगी
नारी हुँ तो क्या नाम करके जाऊंगी