लेखक हूँ, शब्दों से पहचान जाओगे..!
और दूर होकर भी साथ होने का वो एहसास, .....बेहद खास है..! और दूर होकर भी साथ होने का वो एहसास, .....बेहद खास है..!
साथ हो तुम, मेरा आज हो तुम आने वाले हर कल का, साज़ हो तुम। साथ हो तुम, मेरा आज हो तुम आने वाले हर कल का, साज़ हो तुम।
क्या तुम फिर से तोड़ने महल को, उस दुकान से पत्थर खरीद लाये हो..? क्या तुम फिर से तोड़ने महल को, उस दुकान से पत्थर खरीद लाये हो..?