बचपन से ही साहित्य प्रेम..
वही हां वैसे ही तुम मेरे सूने से जीवन में आए वही हां वैसे ही तुम मेरे सूने से जीवन में आए
बूंदों की छम छम से.. बहक उठे सहमा सा हर मन! बूंदों की छम छम से.. बहक उठे सहमा सा हर मन!