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ना तू अव्वल ना तू आख़िर अंकित तू है कौन ? ना तू अव्वल ना तू आख़िर अंकित तू है कौन ?
मैं गीत लिखूं या पत्र उसे, कोई उसे बस समझाना। मैं गीत लिखूं या पत्र उसे, कोई उसे बस समझाना।
क्यूं करता है ये जब किसी और की है तू, वाफादरी और ये जज़्बात तू क्या समझे। क्यूं करता है ये जब किसी और की है तू, वाफादरी और ये जज़्बात तू क्या समझे।