वर्तमान में देश के शीर्षस्थ साहित्यकारों में अपना स्थान बनाने वाले हिन्दी साहित्य गगन के इंदु स्वरूप दैदीप्यमान नक्षत्र डॉ.केशरी कुमार शुक्ल का जन्म 10 जनवरी 1987 को उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद के एक छोटे से गाँव चतुर्भुजपुर में हुआ। इनके पिता जी का नाम श्री सुभाष चंद्र शुक्ल एवं माता का नाम... Read more
वर्तमान में देश के शीर्षस्थ साहित्यकारों में अपना स्थान बनाने वाले हिन्दी साहित्य गगन के इंदु स्वरूप दैदीप्यमान नक्षत्र डॉ.केशरी कुमार शुक्ल का जन्म 10 जनवरी 1987 को उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद के एक छोटे से गाँव चतुर्भुजपुर में हुआ। इनके पिता जी का नाम श्री सुभाष चंद्र शुक्ल एवं माता का नाम श्रीमती उषा रानी शुक्ला है । प्राथमिक शिक्षा गाँव के प्राथमिक विद्यालय से ले कर शहर की उच्च शिक्षा तक की यात्रा इनके लिये काफी चुनौती पूर्ण एवं उतार चढ़ाव पूर्ण रही ।अँग्रेजी साहित्य विषय में परास्नातक होने के बाद उन्होंने बी.एड .और अँग्रेजी साहित्य में ही शोध कार्य (पी.एच .डी .)किया।एक क्रिकेट खिलाड़ी एवम मंचों के सफल संचालक के रुप में अपनी युवा अवस्था प्रारम्भ करने वाले डॉ. शुक्ल की रुचि प्रारम्भ से ही हिन्दी साहित्य एवं अँग्रेजी साहित्य सहित विश्व के अनेक भाषाओं के साहित्यों में रही है।हिन्दी एवं अँग्रेजी साहित्य केे साथ साथ शुक्ल जी ने संस्कृत ,उर्दू एवं अमेरिकन अँग्रेजी साहित्य का गहराई से अध्ययन किया जिसका प्रभाव उनकी अँग्रेजी कविताओं और हिन्दी कविताओं पर स्पष्ट दिखायी देता है ।मानवीय सम्वेदना एवं सामाजिक चिंतन के साथ साथ प्रेम के विविध रूपों की सांगोंपांग अभिव्यक्ति उनकी रचनओं के मूल में है ।उच्च शिक्षा (डिग्री कालेज) में अँग्रेजी साहित्य में प्रवक्ता के रुप में अपना अध्यापन कार्य प्रारम्भ करने वाले डॉ.शुक्ल ने इंटर मीडिएट कक्षाओं में अँग्रेजी विषय के प्रवक्ता के रुप में कई वर्षों तक अध्यापन कार्य किया ।डॉ.शुक्ल उत्तर प्रदेश के एक राजकीय इंजीनियरिंग कालेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद को भी सुशोभित किया एवं वर्तमान मे उच्च शिक्षा मे अंग्रेजी विषय मे असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत है ।स्वनामधन्य डॉ.केशरी शुक्ल जी के अँग्रेजी में लिखे कई आर्टिकल राष्ट्रीय पत्रिकाओं में पहले ही प्रकाशित हुए है एवं उनकी हिन्दी रचनाएं न केवल राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं बल्कि देश के तमाम साहित्यिक मंचों पर सदैव प्रशंसनीय एवम आकर्षण का केन्द्र रही हैं ।भविष्य में डॉ.शुक्ल की इच्छा एवं योजना व्यावसायिक क्षेत्र में कार्य करते हुए सक्रिय समाज सेवा एवं साहित्य के क्षेत्र में कार्य करने की है । Read less