I'm Pinkesh and I love to read StoryMirror contents.
तेरा प्रारब्ध अभी बाकी हैं रुक जा ज़रा थोड़ी इबादत अभी बाकी है। तेरा प्रारब्ध अभी बाकी हैं रुक जा ज़रा थोड़ी इबादत अभी बाकी है।
बस इन्हीं उलझनों में जी रहा हूँ ... बस यही अब प्रश्न पूछ रहा हूँ कि करे तो क्या करे हम। बस इन्हीं उलझनों में जी रहा हूँ ... बस यही अब प्रश्न पूछ रहा हूँ कि करे त...