I am a writer
इंसान नहीं पत्थर है वो... जिसके अन्दर स्वाभिमान नहीं...!! इंसान नहीं पत्थर है वो... जिसके अन्दर स्वाभिमान नहीं...!!
मैं ढूंढ़ता रहा मुफ़लिसों के घर पक्की बस्ती में ! मैं ढूंढ़ता रहा मुफ़लिसों के घर पक्की बस्ती में !
मैं ढूंढ़ता रहा उन्हें खुशनसीबों के नसीब में ! मैं ढूंढ़ता रहा उन्हें खुशनसीबों के नसीब में !