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बिखरे पँखों को जोड़ना सीखा है मैंने, अक्सर ही ऊँची एक उड़ान मैं रखती हूँ बिखरे पँखों को जोड़ना सीखा है मैंने, अक्सर ही ऊँची एक उड़ान मैं रखती हूँ
बढ़कर मंजिल को पाने की एक सनक हुई दिल से चलते रहे, तो कभी मन से थम गए बढ़कर मंजिल को पाने की एक सनक हुई दिल से चलते रहे, तो कभी मन से थम गए
सपनों की डोली में, तब हर ख्वाब संजने लगते हैं। सपनों की डोली में, तब हर ख्वाब संजने लगते हैं।
इसलिए तेरे साथ हर पल मोहब्बत जीने लगते हैं। इसलिए तेरे साथ हर पल मोहब्बत जीने लगते हैं।
सपनों की डोली में, तब हर ख्वाब सजने लगते हैं। सपनों की डोली में, तब हर ख्वाब सजने लगते हैं।