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घुटन से निकलना मुझे ही है शुरुआत कहाँ से करूँ ये नहीं पता है। घुटन से निकलना मुझे ही है शुरुआत कहाँ से करूँ ये नहीं पता है।
पथरीली इन राहों पर तुझे चुनते-चुनते, बड़ी दूर निकल आए हम! पथरीली इन राहों पर तुझे चुनते-चुनते, बड़ी दूर निकल आए हम!
चाहकर भी न भुला पाऊँ उन लम्हों को जिंदगी की नींव रखकर खुद डूब गए उन बचपन के दिनों को। चाहकर भी न भुला पाऊँ उन लम्हों को जिंदगी की नींव रखकर खुद डूब गए उन बचपन क...