अपने और मेरे एहसास पढ़ें मेरी ग़ज़लों में। हिमांशु जायसवाल 'काविश' !
इश्क़ दोनों ने किया था सजा सिर्फ मैने ही पाई है इश्क़ दोनों ने किया था सजा सिर्फ मैने ही पाई है
चलना तू राह पर मंज़िलें आसान कर चलना तू राह पर मंज़िलें आसान कर
ये कैसा वक्त आया है जो घरों में क़ैद है सारी दुनिया जरूरी है दो ग़ज की दूरी! ये कैसा वक्त आया है जो घरों में क़ैद है सारी दुनिया जरूरी है दो ग़ज की दूरी!