None
कैसा पागलपन है 'कुमार' सोच ज़रा, क्यों तू ख़ुद को इतना ज्यादा सताता है। कैसा पागलपन है 'कुमार' सोच ज़रा, क्यों तू ख़ुद को इतना ज्यादा सताता है।
दुनिया उस मिलन से जले तो जले। दुनिया उस मिलन से जले तो जले।
और तेरी इबादत को किसी की नज़र ना लगे। और तेरी इबादत को किसी की नज़र ना लगे।