कवि एवं शायर
दिल को दिल के मिलने से कोई रोक नहीं पाता है जब आंखों से आंखें मिल जाती हैं दिल को दिल के मिलने से कोई रोक नहीं पाता है जब आंखों से आंखें मिल जाती हैं
हो कहीं छुप छुप के आहें भरना तेरी अदा तो नहीं तुझे चाहते रहना मेरी खता तो नहीं। हो कहीं छुप छुप के आहें भरना तेरी अदा तो नहीं तुझे चाहते रहना मेरी खता तो नही...
जिस दिन सज धज कर करेगी याद मुझे उस दिन हमारी होली होगी जिस दिन सज धज कर करेगी याद मुझे उस दिन हमारी होली होगी