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क्यूं सोंचना कल क्या होगा तेरा आज ही कल का स्वरूप इतना बहूत है। क्यूं सोंचना कल क्या होगा तेरा आज ही कल का स्वरूप इतना बहूत है।
इस तरह बुला लेना मुझे तू लेने आये और संसार प्रकाशमय हो जाऐ। इस तरह बुला लेना मुझे तू लेने आये और संसार प्रकाशमय हो जाऐ।
गर खुदा मिले रोककर पूछ लूं उससे राह कोनसी चलना है, मंजिल मिले जिससे। गर खुदा मिले रोककर पूछ लूं उससे राह कोनसी चलना है, मंजिल मिले जिससे।
अजब तमाशा प्रभु तेरा संसार, डोर तेरे हाथ, मैं ठुमकना भूल गया। अजब तमाशा प्रभु तेरा संसार, डोर तेरे हाथ, मैं ठुमकना भूल गया।