Jitendra Kapoor
Literary Colonel
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कल देखा था उसे पड़ोसियों से झगड़ते हुऐ, आज उन्ही के कंधो पर हो सवार चल दिया। ये दुनिया नही किसी की मिल्कियत, रैन बसेरा है, सुबह होते ही उड़ जाना है।। जग में ऐश्वर्य भोग, एक डौर परमपिता को सोंप। आयेगा जब विदाई का वक्त, नही होगा कोई खोप।। Jitendra kapoor

वो वक्त गुजर गया, जब समझौते हुआ करते थे। अब तो तीर सध गया, बता जिंदगी किसका शिकार करना है।। जितेन्द्र कपूर

दोस्ती हम दिलदार से करते हैं। प्यार हमराज,हमदर्द, लाचार से करते है।। उल्फत में कटती हो तो कट जाये जिंदगी। उसूले जिंदगी हरदम अपने साथ रखते हैं।। Jitendra Kapoor

वो गलियां अब रास आती कहाँ। महका करते थे कभी गुलाब जहाँ। किताब में तूने रखी थी जो, पाती। उससे करते है बातें जब तेरी याद सताती।। Jitendra kapoor

ऐ दोस्त हँसना मत, लाईफ में सीरियस बनो। खूब कमाओ, घर बनाओ, हो सके तो पूरा शहर, जंगल और आसमान भी खरीद लो, पर हँसना मत, लाईफ मे सीरियस होना सीखो। जो हँसते है उनके सिर्फ चैहरे खिले होते है, न हँसने वाले का पेट भी खिल जाता है। जितन्द्र कपूर

वो कॉलेज के दिन भी गजब हुआ करते थे। हम कृष्णा बन, राधाओ से घिरा करते थे।। अब वो न राधा है , और कान्हा भी है कहीं खोया। मानो दिवा स्वपन था, ह्रदय में जो कभी हमने था बोया।। Happy Janamashtami जितेन्द्र कपूर

मित्रता सत्यम शिवम सुन्दरम की कसौटी मात्रा है, जो कि सत्य पर आधारित होती है और जो सत्य है वही सुन्दर है, और हर सुन्दर वस्तु शिव अर्थात कल्याणकारी होती है।। जितेन्द्र कपूर

शिक्षक वह दीप है, जो छण छण शिक्षा प्रदानकर आपके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करे।। हेप्पी गुरू पूर्णिमा।। " जितेंद्र कपूर "

लोगो को मान दो, सम्मान दो- यहाँ तक की गले लगाओ। परन्तु सिर पर सिर्फ दोस्तो और परिजनो को ही चढा़औ।। वरन् मान पाने से अकड़ता है, और सर पर बैठा लो तो बैमोल समझता है ।। जितेन्द्र कपूर


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