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ठिठोली भी होती, लड़ाई भी होती, मुंह फुलाए ननद-भौजाई भी होती, ठिठोली भी होती, लड़ाई भी होती, मुंह फुलाए ननद-भौजाई भी होती,
माचिस से घर हम तीली से, कभी जल जाते कभी सीले से। माचिस से घर हम तीली से, कभी जल जाते कभी सीले से।
वो तुमसे किया जो प्रेम था, किसी और से फिर किया ही नहीं । वो तुमसे किया जो प्रेम था, किसी और से फिर किया ही नहीं ।