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Share with friendsफिर बिना कुछ कहे विनीता ने अपने फूले हुए पर्स को बगल में दबाया और मुड़ कर चल दी।"
Submitted on 26 Jul, 2020 at 01:48 AM
जरा अपनी आँखों हरा चश्मा उतार कर देख, पतझड़ साफ नजर आएगा। क्योंकि जिसके लिए तूने ये बैग पैक किया है ना...,वह बेरोजगार घूम...
Submitted on 08 Jan, 2019 at 16:28 PM
डर क्या होता है ये तो यहाँ आकर पता चला ..." कहते हुए उसका गला रुँध गया, सहसा उसका हाथ कुछ महीने पहले काटे गए पैर पर चला ...
Submitted on 20 Dec, 2018 at 09:53 AM