मेरा नाम सावन पारेता है। मैन कोटा विश्विद्यालय से गणित में स्तानक की उपाधि प्राप्त की, ओर वर्तमान में भारतीय प्रशासनिक सेवा की तैयारियों में व्यस्त हु
क्या लिखूँ तुझ पे, तू तो सरहदों का वारिस है, मालिक है तू वतन का, मातृभूमि तेरी विरासत है।। क्या लिखूँ तुझ पे, तू तो सरहदों का वारिस है, मालिक है तू वतन का, मातृभूमि त...
फ़ीजाओं में, वतन के यूँ महकते रहेंगे, फ़ीजाओं में, वतन के यूँ महकते रहेंगे,
हर रात की तरह उस रात भी सो गया, सुनी जब खबर तो दिल मेरा भी रो गया... हर रात की तरह उस रात भी सो गया, सुनी जब खबर तो दिल मेरा भी रो गया...
आओ भगत ! तुमको आज़ाद हिंदुस्तान दिखाता हूँ...। आओ भगत ! तुमको आज़ाद हिंदुस्तान दिखाता हूँ...।