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क्या है वो चीज़ जो इंसान और इंसानियत दोनों को भाता है क्या है वो चीज़ जो इंसान और इंसानियत दोनों को भाता है
समाज के अत्याचार देख खून के आँसू रोया था समाज के अत्याचार देख खून के आँसू रोया था
ईश्वर अल्लाह नदारद सब ढूँढा पर कोई तो मुझे मिला नहीं। ईश्वर अल्लाह नदारद सब ढूँढा पर कोई तो मुझे मिला नहीं।