None
अनुपम है वह सारे जग में, शुभचिंतक वह सबका है। अनुपम है वह सारे जग में, शुभचिंतक वह सबका है।
कभी खिलता हूँ किसी डाली में , कभी मिलता हूँ किसी नाली में! कभी खिलता हूँ किसी डाली में , कभी मिलता हूँ किसी नाली में!
दुनिया जितनी जालिम है। जीवन उतना अमिय है दुनिया जितनी जालिम है। जीवन उतना अमिय है