I'm Vipul Maheshwari Anuragi and I love to read StoryMirror contents.
सारे रिश्ते फीके लगते मुझको ना अब बात किसी की भाती है । सारे रिश्ते फीके लगते मुझको ना अब बात किसी की भाती है ।
ज़िन्दगी वो पहले ही जी चुकी थी उसे अब किसी का घर बसाना था। ज़िन्दगी वो पहले ही जी चुकी थी उसे अब किसी का घर बसाना था।
फिरते रहते हैं आज वो चक्कर लगाते हुए हमारे घरों के कहते थे जो कभी मैं अरे ग़ैरे के यहा फिरते रहते हैं आज वो चक्कर लगाते हुए हमारे घरों के कहते थे जो कभी मैं अरे ग़ै...
ख्वाब सच्चे अब आते नहीं हैं माँ के बोल अब रुलाते नहीं हैं। ख्वाब सच्चे अब आते नहीं हैं माँ के बोल अब रुलाते नहीं हैं।