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इसी कशमकश में गुजरा है दिन अपना, वो साथ नहीं तो कैसी ये रातें होगी! इसी कशमकश में गुजरा है दिन अपना, वो साथ नहीं तो कैसी ये रातें होगी!
दर्द, तन्हाई, रुसवाई, सब है, बस दिल अपना, अपना ना हुआ ! दर्द, तन्हाई, रुसवाई, सब है, बस दिल अपना, अपना ना हुआ !
तू शामिल है जहांन में मेरे, ज़मींन-ओ-आसमान में मेरे, ग़म में है, ख़ुशी में है ज़िन्दगी में नहीं... तू शामिल है जहांन में मेरे, ज़मींन-ओ-आसमान में मेरे, ग़म में है, ख़ुशी में ...
'दिल-ऐ-बर्बादी का है फिर शौक मुझे, कँहा है वो कुचा, कौन सा तेरा मकान है ?' दिल पर बिट रहे दुखो को बय... 'दिल-ऐ-बर्बादी का है फिर शौक मुझे, कँहा है वो कुचा, कौन सा तेरा मकान है ?' दिल प...