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न जीवन की परिभाषा बनी न जीने का सलीका आया। वक्त बीतता गया वक्त ने समझाया ! न जीवन की परिभाषा बनी न जीने का सलीका आया। वक्त बीतता गया वक्त ने समझाया...
धूप और रोशनी सीमा से ज्यादा मिले तो जला देते हैं। धूप और रोशनी सीमा से ज्यादा मिले तो जला देते हैं।
मां अनुभवी थी निष्कर्ष वर्षो के ज्ञान से जनमे थे अविश्वास कैसे करती? मां अनुभवी थी निष्कर्ष वर्षो के ज्ञान से जनमे थे अविश्वास कैसे करती?
लड़की खुश है क्योंकि उसमें सपने उगने लगे हैं। मन के वृक्ष पर! लड़की खुश है क्योंकि उसमें सपने उगने लगे हैं। मन के वृक्ष पर!