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जब दुआओं का स्पर्श मिला, क्यूं सदा भी झूठी लगती थी....।। जब दुआओं का स्पर्श मिला, क्यूं सदा भी झूठी लगती थी....।।
सुना नहीं सकते होंगे अपनी, पर कुछ बातें हम भी करते होंगे। सुना नहीं सकते होंगे अपनी, पर कुछ बातें हम भी करते होंगे।
जवाब नहीं मिलता तो ढूंढ़ती हैं, तलाशती हैं मुझे.…और फिर झकझोर देती हैं मुझे, जवाब नहीं मिलता तो ढूंढ़ती हैं, तलाशती हैं मुझे.…और फिर झकझोर देती हैं मुझे,