I'm Deep and I love to read StoryMirror contents.
कभी साया बनकर चलता है कभी दूर से मुझको तकता है ज़िंदगी की आपा धापी में जब पैर कही पर थकता है कभी साया बनकर चलता है कभी दूर से मुझको तकता है ज़िंदगी की आपा धापी में जब पैर ...
मेरे तन पर वस्त्र नहीं, या है पूरा समाज अर्धनग्न ! मेरे तन पर वस्त्र नहीं, या है पूरा समाज अर्धनग्न !