Author and poet
अपने भीतर पालकर, नफरतों के दानवों को, मानवों को मारकर, लो गया, है आदमी। अपने भीतर पालकर, नफरतों के दानवों को, मानवों को मारकर, लो गया, है आदमी।
बहुत याद आते हैं वें लम्हे, जो बिताए थे संग हमने, बड़े रंगीन थे वें लम्हे, भरे थे जिनमें रंग हमने... बहुत याद आते हैं वें लम्हे, जो बिताए थे संग हमने, बड़े रंगीन थे वें लम्हे, भर...
आँखें तरेर कर गया , वह मुंह फेर कर गया , यूं जिंदगी के शेर को , बेटा वह ढेर कर गया । आँखें तरेर कर गया , वह मुंह फेर कर गया , यूं जिंदगी के शेर को , बेटा वह ढेर क...