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गहरी थोड़ी और भई हैं, चल उठ राही भौर भई है। गहरी थोड़ी और भई हैं, चल उठ राही भौर भई है।
दर्द सहते-सहते दिल भी बन गया अब पत्थर है, टटोल कर देख इसे इसका हाल बड़ा बेहाल है। दर्द सहते-सहते दिल भी बन गया अब पत्थर है, टटोल कर देख इसे इसका हाल बड़ा बेहा...
इतनी शिद्दतों बाद भी तेरे दिल के सुल्तान न हुए। इतनी शिद्दतों बाद भी तेरे दिल के सुल्तान न हुए।